अटल बिहारी वाजपेयी के अनमोल वचन
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अटल बिहारी वाजपेयी (25 दिसंबर 1924 – 16 अगस्त 2018) भारत के दसवें प्रधान-मंत्री थे। वे पहले 16 मई से 01 जून 1996 तक, तथा फिर 19 मार्च 1998 से 22 मई 2004 तक भारत के प्रधानमंत्री रहे। वे हिन्दी कवि, पत्रकार व एक प्रखर वक्ता थे।वे भारतीय जनसंघ के संस्थापकों में एक थे, और 1968 से 1973 तक उसके अध्यक्ष भी रहे।उन्होंने लम्बे समय तक राष्ट्रधर्म, पाञ्चजन्य और वीर अर्जुन आदि राष्ट्रीय भावना से ओत-प्रोत अनेक पत्र-पत्रिकाओं का सम्पादन भी किया।
2005 से वे राजनीति से संन्यास ले चुके थे और नई दिल्ली में 06-ए कृष्णामेनन मार्ग स्थित सरकारी आवास में रहते थे।16 अगस्त 2018 को एक लम्बी बीमारी के बाद अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान, दिल्ली में श्री वाजपेयी का निधन हो गया। वे जीवन भर भारतीय राजनीति में सक्रिय रहे। Atal Bihari Vajpayee Quotes in Hindi, Atal Bihari Vajpayee Quotes & Sayings, Atal Bihari Vajpayee Quotes and speech, Atal Bihari Vajpayee Quotes and speech in hindi with hd images Atal Bihari Vajpayee Famous Quotes In Hindi,Famous Atal Bihari Vajpayee Poems In Hindi,Atal inspirational quotes in hindi , Atal Bihari Vajpayee Quotes with images in hindi, अटल बिहारी वाजपेयी के अनमोल वचन, Anmol vachan by atal bihari, anmol vachan on atal bihari, anmol vachan by atal bihari vajpayee.
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"बाधाएं आती है आए
घिरे प्रलय की घोर घटाएं
पांव के नीचे अंगारे
सिर पर बरसे यदि ज्वालाएं
निज हाथ में हंसते-हंसते
आग लगाकर जलना होगा
कदम मिलाकर चलना होगा..!"
"लक्ष्य के लिए की गई कड़ी मेहनत कभी भी आप पर थकान नहीं लाती, आपके लिए हमेशा संतोष ही लाती है..!"
"जीत और हार जीवन का एक अहम् हिस्सा है, जिसे समानता के साथ देखना चाहियें..!"
"हम सभी एक दूसरे से बंधे हुए हैं। इतिहास ने, भूगोल ने, परंपरा ने, संस्कृति ने, धर्म ने, नदियों ने हमें आपस में बांधा है..!"
"ऊँची से ऊँची शिक्षा क्यों न हो, इसका आधार हमारी मातृभाषा होनी चाहिए..!"
"आप दोस्त बदल सकते हो लेकिन पड़ोसियों को नहीं..!"
"समता के साथ ममता, अधिकार के साथ आत्मीयता, वैभव के साथ सादगी-नवनिर्माण के प्राचीन आधारस्तम्भ हैं। इन्हीं स्तम्भों पर हमें भावी भारत का भवन खड़ा करना है..!"
"भारत के ऋषिओं-महर्षियों ने जिस एकात्मक जीवन के ताने बने को बुना था, आज वह उपहास का विषय बनाया जा रहा है..!"
"किसी संत कवि ने कहा है कि मनुष्य के ऊपर कोई नहीं होता, मुझे लगता है कि मनुष्य के ऊपर उसका मन होता है..!"
"मैं हिन्दू परम्परा में गर्व महसूस करता हूं लेकिन मुझे भारतीय परम्परा में और ज्यादा गर्व है..!"
"हम अहिंसा में आस्था रखते हैं और चाहते हैं कि वैश्विक के संघर्षों का समाधान शांति और समझौते के मार्ग से हो..!"
"इंसान बनो, केवल नाम से नहीं, रूप से नहीं, शक्ल से नहीं, हृदय से, बुद्धि से, सरकार से, ज्ञान से..!"
"क्या हार में , क्या जीत में,
किंचित नहीं भयभीत मैं कर्तव्य पथ पर जो मिला,
यह भी सही , वह भी सही,
वरदान नहीं मांगूंगा हो कुछ पर , हार नहीं मानूंगा..!"
किंचित नहीं भयभीत मैं कर्तव्य पथ पर जो मिला,
यह भी सही , वह भी सही,
वरदान नहीं मांगूंगा हो कुछ पर , हार नहीं मानूंगा..!"
"हिंदू हूं हिंदी की बात करूंगा,एक नहीं सौ बार करूंगा..!"
"पृथ्वी पर मनुष्य ही एक ऐसा प्राणी है, जो भीड़ में अकेला और अकेले में भीड़ से घिरे होने का अनुभव करता है..!"
"आदमी की पहचान उसके धन या आसन से नहीं होती; उसके मन से होती है। मन की फकीरी पर कुबेर की संपदा भी रोती है..!"
"जो जितना ऊंचा होता है; उतना ही एकाकी होता है। हर बार को स्वयं ही ढोता है, चेहरे पर मुस्कान चिपका; मन ही मन में रोता है..!"
"रामचरित्र मानस मेरी प्रेरणा का स्रोत रहा है, आज की आवश्यकता है।विश्व साहित्य में इसका संकलन किया जाए इसके आदर्शों को जीवन में अपनाया जाए..!"
"पारस्परिक सहकारिता और त्याग की प्रवृत्ति को बल देकर ही मानव-समाज प्रगति और समृद्धि का पूरा-पूरा लाभ उठा सकता है..!"
"मनुष्य का जीवन अनमोल निधि है। पुण्य का प्रसाद है। हम केवल अपने लिए न जिएं, औरों के लिए भी जिए ।जीवन जीना एक कला है। एक विज्ञान है दोनों का समन्वय आवश्यक है..!"
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